जैसे लोग बूढ़े होते जाते हैं अनेक समस्याएं धर दबोचती हैं। प्रायः यह कहा जाता है कि बूढें होने पर मानसिकता में बदलाव आता जाता है। वृद्धाश्रम में रहने का क्या यही एक कारण है?
मुझे लगता है कि कुछ अन्य छिपे तथ्य भी हैं। बहुत लोगों के अनुसार वृद्धाश्रम में रहने का केवल यही कारण नहीं होगा बल्कि अन्य बातें भी होंगी। आइये इसकी चर्चा करें, और इस तथ्य के पीछे के मुख्य कारणों का पता लगाया जाये।
- जीवन शैली का बदलाव- यह देखा गया है कि वर्तमान पीढ़ी की बदलती जीवन शैली काफी अजीब है। वृद्ध व्यक्तियों को उनके साथ समायोजित करना लगभग असंभव हो गया है। ऐसी स्थिति में उनके पास, वृद्धाश्रम में जाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।
- संयुक्त परिवार का विलुप्तिकरण - दूसरी बात यह है कि आजकल धीरे धीरे संयुक्त परिवार विलुप्त हो रहा है। इसके चलते इकाई परिवार का जन्म हुआ है। वृद्धाश्रम की बढ़ोत्तरी में इसका बहुत बड़ा योगदान है। ऐसा देखा गया है कि बहुतेरे उम्रदार व्यक्ति सम्बन्धों में कटुता घटाने के लिए वृद्धाश्रम की शरण में जाते हैं।
- साहचर्य की कमी- पति-पत्नि, दोनों को प्रतिदिन10-12 घंटे अपने अपने कामों में व्यस्त रहने के कारण, घर में रहने वाले वृद्धों को असुरक्षा, एकांतता और साहचर्य की कमी का भाव महसूस होता है जो उन्हें वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर कर देती है। वृद्धाश्रम की अवधारणा धीरे धीरे हमारे समाज में घर कर रही है। अब यह आम बात हो गयी है।
- पीढ़ियों में दूरी- कई बार यह देखा गया है कि माँ - बाप और बच्चों के विचारों में साम्यता नहीं है। अधिकाँश मामलों में देखा गया है कि बच्चे, माँ बाप को अपने पद चिह्नों पर चलाना चाहते हैं जो माँ बाप को मान्य नहीं है। अतः वे अकेले रहना चाहते हैं।
- गरिमा और शांति की अपेक्षा - प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक गरिमा के साथ जीना चाहता है। साथ ही सुरक्षा भी चाहता है। इसके चलते वृद्धाश्रम बन रहे हैं जहाँ वे अपने को स्थानांतरित कर सकें और स्वेच्छा से अपना जीवन यापन कर सकें। यहाँ वे आराम कर सकते हैं और स्वेच्छा से अपना समय काट सकते हैं। वास्तव में वृद्धाश्रम की अवधारणा उन्हें सुकून प्रदान करता है।
- महंगा जीवनयापन- ज़िन्दगी की बचत पर कम वापसी और जीवनयापन की उच्च लागत, कभी-कभी वरिष्ठ नागरिकों को वृद्धाश्रम में जाने के लिए मजबूर कर देती है। उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं है, बल्कि अपनी जगह पर रहने के वजाय वे ऐसे स्थान पर जाना चाहते हैं जहां वे छोटी राशि में रह सकें।
निष्कर्ष:
इस प्रकार हमें अब यह समझना चाहिए कि वृद्धाश्रम ही अनेक वरिष्ठ नागरिकों का अपना घर बन गया है। यह घर उन्हें अनेक सुविधाएं प्रदान करता है जहाँ वे सुरक्षित और शान्तिपूर्ण जीवन बिता सकते हैं।
दूसरी ओर, यह वर्तमान पीढ़ी के लिए वास्तव में शर्मनाक बात है। उन्हें अपने माता-पिता के साथ रहने की कोशिश करनी चाहिए। माता-पिता अपने जीवन को अपने बच्चों को शिक्षित करने में बिताते हैं और जब उन्हें कुछ आराम और शांति की आवश्यकता होती है तो हम उन्हें वृद्धाश्रम जाने के लिए मजबूर कर देते हैं। हमें अपने माता- पिता का अत्यंत ध्यान रखना चाहिए और उन्हें प्यार करना चाहिए।