वायुमंडल गैसों का आवरण होता है, जो पृथ्वी के चारों ओर घिरा होता है और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण यह अपने स्थान पर बना रहता है। आम तौर पर हम इन गैसों को "हवा" कहते हैं। इस आवरण का मुख्य कार्य पृथ्वी के तापमान को बनाय रखना है। वायुमंडल पृथ्वी का वर्तमान तापमान स्तर बनाए रखने के लिए ग्रीनहाउस प्रभाव का उपयोग करता है।
ग्रीनहाउस प्रभाव एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें वायुमंडल सौर विकिरण को अवशोषित करता है और इसका उपयोग ग्रह पर तापमान बनाए रखने के लिए करता है। नीचे एक ग्रीनहाउस प्रभाव विकसित करने के कदम दिए गए हैं–
- पृथ्वी सौर विकिरण को अवशोषित करती है।
- वायुमंडल तापीय विकिरणों को दो शाखाओं में बांटता है और उन्हें अंतरिक्ष में फिर से विकीर्ण करता है।
- वायुमंडल शेष गर्मी को अवशोषित करता है और उसका उपयोग महासागरों और भूमि को गर्म करने के लिए करता है।
- अब एक चक्र बनता है, जहां वायुमंडल द्वारा अंतरिक्ष में हानिकारक विकिरण छोड़ी जाती हैं और महासागरों और भूमि को गर्म करने के लिए दोबारा से उनका उपयोग किया जाता है। इस तरह, पृथ्वी के वायुमंडलीय आवरण के भीतर एक तापमान बना रहता है और हमें गंभीर ऋतु का सामना नहीं करना पड़ता है।
उपरोक्त विशेषताओं के अलावा, वायुमंडल कुछ अन्य चीजों में भी हमारी मदद करता है। वायुमंडल पृथ्वी को प्रत्यक्ष विकिरणों से बचाता है। प्रत्यक्ष विकिरण का अर्थ है कि सूर्य का प्रकाश बिना फैले हुए पृथ्वी पर सीधे पड़ता है। वायुमंडल में फोटॉन होते हैं, जो सूर्य के प्रकाश को फैला देते हैं। इससे हमें सूर्य की प्रकाश में घूमना आसान हो जाता है। यह आकाश के नीले रंग का भी कारण है।
जीवों को जिंदा रहने के लिए जिन मुख्य गैसों की आवश्यकता होती है वह सभी वायुमंडल में मौजूद होती हैं। घन के अनुसार, शुष्क हवा में 78.09% नाइट्रोजन,20.95% ऑक्सीजन,0.93% आर्गन,0.04% कार्बन डाइऑक्साइड और कम मात्रा में अन्य गैसें शामिल होती हैं। ऑक्सीजन जीवन का स्रोत है और सभी को इसकी आवश्यकता होती है। कार्बन डायऑक्साइड भी उतनी ही जरूरी है, जितना कि ऑक्सीजन क्योंकि पौधों को प्रकाश संश्लेषण करने के लिए इसकी आवश्यकता होती है।
अब जब आप आपने जीवन में वायुमंडल के महत्व को समझ चुके हैं, तो आइए उन परिणामों के बारे में जानते कि यदि पृथ्वी से वायुमंडल को हटा दिया जाए, तो क्या होगा? बिना वायुमंडल के ऑक्सीजन भी नहीं रहेगी। इससे सभी जीवित प्राणियों की तुरंत मृत्यु हो जाएगी। पौधे भी मर जाएंगे क्योंकि न ही ऑक्सीजन रहेगी और न ही कार्बन डायऑक्साइड।
यदि वायुमंडल हटा दिया जाएगा, तो पृथ्वी पर अल्ट्रावॉयलेट किरणें आने लगेंगी। बिना फैले सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर आने लगेगा। इससे पृथ्वी की सतह का तापमान बढ़ने लगेगा। समुद्र और अन्य जल निकाय सुखने लगेंगे। लेकिन इस बात का संदेह है कि गहरे महासागरों को सूखने में समय लगेगा और जो प्राणी पानी के अंदर रहते हैं, उनके जीवित रहने की कुछ संभावना होगी।
वायुमंडल के हटने का अर्थ है कि पूरे विश्व में गर्मी का सर्कूलेशन बंद हो जाएगा। कुछ अध्ययन बताते हैं कि ऐसी स्थिति में पृथ्वी का तापमान बहुत अधिक हो जाएगा। कुछ स्थान बहुत गर्म हो जाएंगे, जबकि गर्मी की कमी के कारण कुछ स्थान बहुत ठंडे हो जाएंगे।
हम वृक्षों की कटाई में वृद्धि करके वायुमंडल को खतरा पहुंचा रहे हैं। पारिस्थितिकी तंत्र में असंतुलन देखा जा सकता है और हम सभी ग्लोबल वॉर्मिंग के बारे में पढ़ते ही हैं। यदि हमने समय पर उचित कदम नहीं उठाए, तो पृथ्वी का वायुमंडल नष्ट हो जाएगा और पृथ्वी पर दोबारा जीवन स्थापित करने में हमें लाखों साल लग जाएंगे।