'कर्मचारी भविष्य निधि' एक ऐसी योजना है जिसका लाभ आप सेवानिवृत्ति के बाद मिलता है। ये सरकारी, सार्वजनिक और निजी सहित सभी वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध होती है और भारत में यह सेवा 'भारतीय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ई.पी.एफ.ओ)' प्रदान करता है।
इसे एक ऐसी बचत के रुप में वर्णित किया जाता है जो कर्मचारियों को हर महीने अपने वेतन का कुछ हिस्सा बचाने में मदद करता है और यह बचत राशि हमारे तब काम आती है, जब हम नौकरी करने में असमर्थ होते हैं या सेवानिवृत्ति हो जाते हैं।
ईपीएफओ अधिनियम 1952 के मुताबिक, कर्मचारी भविष्य निधि निकालने की प्रक्रिया तब शुरु होती है जब कोई कर्मचारी नौकरी छोड़ता है या अपना व्यवसाय शुरु करना चाहता है और इस प्रक्रिया में 2 महीने का समय लगता है।
नीचे मौजूद फॉर्म को भर कर कर्मचारी भविष्य निधि निकालने की प्रक्रिया शुरु कर सकता है:
1) फॉर्म 19 (पीएफ निकासी के लिए),
2) फॉर्म 10 सी (पेंशन योजना से निकासी के लिए)
3) फॉर्म 15 जी (टीडीएस कटौती से बचाने के लिए)
- कर्मचारी को पी.एफ निकालने के लिये विथ्ड्रॉअल फॉर्म भरना होगा और उसे मानव संसाधन विभाग या क्षेत्रीय पी.एफ ऑफिस में रद्द किया हुए चेक (खाते विवरण के सत्यापन के लिए), पिछले तीन महीने का बैंक खाता विवरण और सत्यापित किए हुए पैन कार्ड और आधार कार्ड की फोटोकॉपी को जमा करना होगा।
- पीएफ विथ्ड्रॉअल फॉर्म पर नियोक्ता के हस्ताक्षर की आवश्यकता होती है। लेकिन यदि नियोक्ता अब काम नहीं करता है या व्यवसाय बंद हो गया है तो ऐसी स्थिति में बैंक मैनेजर या किसी राजपत्रित अधिकारी या मजिस्ट्रेट के पास दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने का अधिकार होता है।
- सभी दस्तावेजों को पी.एफ विभाग में जमा करना होता है और प्रक्रिया को पूरा होने में कम से कम 45 दिनों का समय लगता है।
उपर आपको ये बताया गया है कि आप पीएफ कैसे निकाल सकते हैं। यूनिवर्सल एकाउंट नंबर (यू.ए.एन) ने इस प्रक्रिया को और आसान बना दिया है।