मूल रूप से तीन प्रकार के तम्बाकू उत्पाद हैं, पहला धूम्रपान वाला तंबाकू, दूसरा
घुलनशील तंबाकू और तीसरा धूम्ररहित तंबाकू है।
धूम्रपान वाला तंबाकू को जब जला दिया जाता है तो उससे उत्पन्न धुएं को व्यक्ति द्वारा कश लेकर पिया जाता है। परोक्ष (पैसिव) धूम्रपान एक और प्रकार का धूम्रपान है जिसमें किसी व्यक्ति को तंबाकू के धुएं का सामना करना पड़ता है, या तो वे खुद को ऐसे वातावरण में पाते हैं जहां दूसरे धूम्रपान कर रहे हैं तो न चाहते हुए भी तंबाकू के धुएँ का प्रभाव उन पर पड़ता है। और यही परोक्ष धूम्रपान कहलाता है।
इस प्रकार के धूम्रपान वाले तम्बाकू में, सिगरेट, सिगार, सिगारिल और छोटे सिगार आते हैं। हूक्का, धूम्रपान वाले तंबाकू के तहत आता है, जो सुगन्धित तंबाकू पीने का एक साधन है । इसमें निश्वसन से पहले धुएँ को पानी के बेसिन के माध्यम से गुजरना होता है, इसीलिए इसमें अन्य सिगरेट्स की अपेक्षा श्वास के साथ, अधिक निकोटिन जाता है।
घुलनशील तंबाकू, तंबाकू का एक प्रकार है जो जीभ पर घुल जाता है। इसमें शामिल हैं, तम्बाकू की स्टिक्स, स्ट्रिप्स और संपीड़ित (प्रेस्ड) तम्बाकू। घुलनशील तंबाकू आम तौर पर विभिन्न स्वादों में आता है। आम तौर पर यह पिपरमिंट जैसी स्वाद में आता है। तम्बाकू उद्योग में, बच्चों के लिए इस प्रकार के घुलनशील तम्बाकू की आपूर्ति के मारकेटिंग का एक लंबा इतिहास है। 80% से अधिक वयस्क जो तम्बाकू उपभोग शुरू करते हैं, वे इस प्रकार के घुलनशील तंबाकू के ही उपभोग से ही करते हैं।
धूम्ररहित तम्बाकू को चबाने वाला, थूकने वाला, या चुटकी वाला तम्बाकू भी कहते है। इस तरह के तम्बाकू को आमतौर पर दो रूपों में सेवन किया जाता है, नस लेकर और चबा कर। इसमें कम से कम 20 कैंसर पैदा करने वाले रसायन शामिल हैं जिन्हें कार्सिनोजेंस कहते हैं। धूम्ररहित तम्बाकू में मुख्य कार्सिनोजेन हैं तम्बाकू-विशिष्ट नाइट्रॉसमिन्स।
तीन प्रकार के नस वाले तम्बाकू (स्नफ्स) का प्रयोग मौखिक रूप से किया जाता है, सूखा नस जो भारत में उपभोग किया जाता है, नम नस जो संयुक्त राज्य अमेरिका में, और क्रीम युक्त नस जो दक्षिण एशिया में उपभोग होता है।
'शम्माह', मुंह के गलियारे के अंदर रख कर तंबाकू चबाने की प्रक्रिया है। इसका प्रकार का इस्तेमाल मध्य पूर्व में और सउदी अरब के कुछ हिस्सों में भी किया जाता है।
'गुटका' एक प्रकार का तंबाकू है जो मुंह में चूसा और चबाया जाता है। लार को आम तौर पर बाहर थूक दिया जाता है, लेकिन कभी-कभी निगल लिया भी जाता है।